Deendayal Rasoi Yojana In Gwalior (MP)| दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना बनी ग्वालियर के श्रमिक वर्ग के लिए संजीवनी | मात्र ₹5 में भर रहा है गरीबों का पेट 

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Deendayal Rasoi Yojana मध्य प्रदेश के लगभग हर शहर में चल रही है। ग्वालियर शहर में भी यह चर्चा का विषय बनी हुई है। जिसने गरीबों , ऑटो रिक्शा वालों के चेहरों पर चमक ला दी है। आखिर क्या है यह दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना, जानते हैं इस लेख में।

क्या है Deendayal Rasoi Yojana?

मध्य प्रदेश शासन द्वारा चलाई जा रही दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें गरीबों को मात्र ₹5 में भरपेट भोजन कराया जा रहा है। यह ग्वालियर शहर के विभिन्न स्थानों पर चलाई जा रही है। जिसमें रेलवे स्टेशन ,बस स्टैंड, हजीरा ,नया बाजार इत्यादि स्थान प्रमुख है।

इस योजना के माध्यम से गरीब बस्तियों में, झोपड़ी झुग्गियों में वाहनों के द्वारा भोजन भेजा जा रहा है। जहां लोग मात्र ₹5 देकर भरपेट भोजन का आनंद ले रहे हैं। यह योजना शहर के चौथे पायदान पर बैठे लोगों के लिए वरदान बनकर आई है। इस योजना से न केवल गरीब बल्कि ऑटो रिक्शा वाले, हाथ ठेले वाले और दूर गांव से शहर में रहकर पढ़ने आए हुए छात्र भी इस योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। जब वार्ताकार ने लोगों से उनकी राय जानी चाहिए तब लोगों ने इस रसोई को जीवन दायिनी कहा।

Deendayal Rasoi Yojna
Deendayal Rasoi Yojna

Deendayal Rasoi का मैन्यू

इस रसोई में सोमवार से लेकर शनिवार तक रोज अलग -अलग भोजन मैन्यू निश्चित किया गया है। जिसमें रोटी, दाल, चावल एवं मौसमी सब्जियां उपलब्ध रहती हैं। साथ ही पौष्टिकता को ध्यान में रखते हुए चना, सोयाबीन इत्यादि सब्जियां भी लोगों को मात्र ₹5 में खिलाई जाती हैं।


Deendayal Rasoi Yojana की गुणवत्ता

यह योजना शहर में एक लंबे समय से चलती आ रही है अगर क्वालिटी की बात करें तो रसोई में साफ सफाई एवं लोगों को बिठाकर भोजन खिलाने की बहुत बढिया व्यवस्था की गई है। जहां से कोई भी जरूरतमंद अपना नाम लिखाकर मात्र ₹5 में भरपेट भोजन कर सकता है। इस योजना से गरीबों का न केवल जीवन आसान हुआ है बल्कि पौष्टिक भोजन से स्वास्थ्य लाभ भी हुआ है।

Deendayal Rasoi Yojana को लेकर लोगों के विचार

जब वार्ताकार की टीम ने वहां लाभान्वित लोगों से उनकी राय जाननी चाही तो लोगों ने खुले मन से इस रसोई की तारीफ की और शहर के लोगों के लिए इसको बहुत ही लाभकारी बताया। वहां भोजन कर रहे कुछ छात्रों ने कहा कि वह ग्वालियर शहर से लगभग 100 किलोमीटर दूर गांव से ग्वालियर में रहकर पढ़ाई करने आए हैं ऐसे में उन्हें स्वादिष्ट स्वच्छ और सस्ता भोजन मिलता है तो यह उनके लिए बहुत ही राहत की बात है भोजन कर के छात्रों के चेहरे प्रसन्न दिखाई दिये।

रसोई के संचालकों ने कहा कि अधिकारियों द्वारा समय-समय पर भोजन की गुणवत्ता की जांच की जाती है। एवं संचालक द्वारा रसोई की नियमित साफ सफाई करवा के ही भोजन बनाया जाता है। स्वयं संचालक के चखने के बाद ही लोगों को खिलाया जाता है। ग्वालियर शहर के लोग इस योजना की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।


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shivam singh

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मैं शिवम सिंह तोमर ( कवि / समाजसेवी / विधि छात्र/ लेखक ); सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कानूनी विषयों पर लेख व समीक्षा लिखता हूँ। मैं वर्तमान में विधि का छात्र हूँ जिसके चलते कानूनी विषयों पर शोध पत्र व लेख लिखता हूँ। सामाजिक व साहित्यिक जीवन में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। कविता के दो साझा संग्रह (पुस्तक) पाठकों के लिए उपलब्ध हैं।

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