नमस्कार दोस्तों! Exam Phobia आज एक गंभीर चर्चा का विषय है। वार्ताकार समय-समय पर आप सभी से जुड़े विषयों को उठाता रहा है इसी क्रम में आज बात करेंगे परीक्षा की। क्यों घबरा जाते हैं परीक्षा से बच्चे ? आखिर बच्चों के परीक्षा में असफल होने की क्या है वजह? वायरल काॅपी क्यूं बनी चर्चा की विषय ? जानते हैं इस लेख में।
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परीक्षा से परेशानी की वजह| Exam Phobia Reason
परीक्षा एक ऐसा शब्द है। जिसके सामने आते ही अच्छे अच्छों की बुद्धि चकरा जाती है। कुछ इसे चुनौती की तरह लेते हैं। कुछ उत्सव की तरह, तो कुछ परेशानी की तरह। कुछ ऐसे भी हैं जो परीक्षा को सजा के रूप में लेते हैं। जी हां दोस्तों यहां हम बात कर रहे हैं विद्यार्थियों के जीवन में आने वाली परीक्षा की। जो छमाही और वार्षिक रूप में प्रत्येक विद्यार्थी के जीवन में आती है और आती रहेगी।
कुछ विद्यार्थी इसे उत्सव की तरह लेते हैं और अपने आप को आगे बढ़ाने की सीढी के रूप में मानते हैं। वहीं कुछ बच्चे परीक्षा से घबरा जाते हैं, जिसे Exam Phobia कहा जाता है। वे परीक्षा में कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो हास्यास्पद होता है और उन्हें परीक्षा में असफल कर देता है।
सोशल मीडिया पर वायरल आंसर शीट सच | Exam Phobia Effects
दोस्तों पिछले कुछ दिनों से कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। यह तस्वीरें किसी छात्र/छात्रा की उत्तर पुस्तिका की है। जिसमें वह अपने शिक्षक से यह कहता नजर आ रहा है कि सर हमें आप पास कर दीजिए। हम बहुत परेशान थे, हम पढ़ाई नहीं कर सके। एक तस्वीर ऐसी भी देखने को मिली जिसमें बच्चा अपनी दुख भरी कहानी सुना करके अध्यापक से सहानुभूति के रूप में पास किए जाने की गुहार लगा रहा है। साथ ही एक काॅपी में तो पास ना किये जाने पर आत्म हत्या की धमकी देता दिख रहा है।

Exam Phobia पर प्रशासन का रुख
जहां एक तरफ शासन प्रशासन शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का दावा कर रहे हैं। वही इस प्रकार की छात्रों की गतिविधि उनकी कलई खोलती नजर आ रही है। इसके दोनों पक्ष हो सकते हैं। पहला पक्ष ,अध्यापक के द्वारा, स्कूल कॉलेज के द्वारा छात्रों को सही ज्ञान ना दिया जाना या स्वयं छात्र के द्वारा निरंतर लापरवाही करते रहना।
वर्तमान परिवेश में जहां माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी हर वर्ष छात्रों से संवाद करते हैं। जिसका शीर्षक परीक्षा पर चर्चा होता है। जिसके माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री छात्रों से उनकी उलझने समझते हैं और अपने अनुभव के आधार पर उन्हें समाधान देने का प्रयास करते हैं। कई छात्र इससे प्रेरित भी होते हैं। उनकी उलझने भी सुलझती हैं और वह उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपने को बेहतर साबित करते हैं। वहीं कुछ छात्र अपनी लापरवाही या सही मार्गदर्शन न होने की वजह से असफल भी हो जाते हैं।
इसी बीच वायरल हो रही उत्तर पुस्तिका की फोटो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है। लोग तरह की टिप्पणी कर रहे हैं कुछ कह रहे हैं कि बच्चे ने लापरवाही की, तो कुछ कह रहे हैं यह स्कूल कॉलेज की कमी है जो बच्चों को सही ज्ञान व सही मार्गदर्शन नहीं दे पा रहा।
Exam Phobia को लेकर एक्सपर्ट की राय
इसी के चलते वार्ताकार की टीम ने ग्वालियर में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर शर्मा से बात की और उनसे छात्रों की मानसिकता, उनकी उलझनें और उनकी गतिविधियों के बारे में जानना चाहा। जिस पर डॉक्टर शर्मा ने कहा कि स्कूल कॉलेज तो सभी छात्र पर समान मेहनत करते हैं। सभी अध्यापकगण छात्रों को समान मार्गदर्शन देते हैं। अब यह छात्र पर निर्भर करता है कि वह उस मार्गदर्शन और ज्ञान का कितना सदुपयोग कर पाता है और उसको कितना आत्मसात कर पाता है।
इसके आगे डॉक्टर शर्मा ने कहा की कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनकी पढ़ाई में कोई रुचि नहीं होती। अध्यापकों के लाख समझाने के बाद भी उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता और अंततः फिर वह उत्तर पुस्तिकाओं में इस प्रकार के हास्यास्पद बाते लिख आते हैं। अन्य विद्वानों की राय भी इस संबंध में कुछ ऐसी ही है।
आप क्या सोचते हैं इस बारे में, अपनी राय नीचे कमेंट में बताइए।