चिंतन (Chintan) का हमारे जीवन पर प्रभाव| Effects of Contemplation

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चिंतन (Chintan) की परिभाषा: जब मन का आश्रय लेकर हमारी इंद्रियां किसी विषय-वस्तु की ओर आकर्षित हो जाएं और बुद्धि बार-बार उस विषय पर विचार करने लगे, तो इसे चिंतन कहते हैं। यह हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित करता है।

चिंतन (Chintan) के प्रकार

चिंतन (Chintan) दो प्रकार का होता है:

  • सकारात्मक चिंतन (Positive Thinking): अच्छे विचार
  • नकारात्मक चिंतन (Negative Thinking): गलत विचार

सकारात्मक चिंतन (Chintan)

सकारात्मक चिंतन आपके जीवन प्रबंधन में सहायता करता है। यह आपकी जीविका और जीवन को नई ऊंचाई पर पहुंचाने का माध्यम बनता है। कठिन परिस्थितियों में इससे बाहर निकलने का मार्ग भी मिलता है।

ऐसे कई उदाहरण धार्मिक ग्रंथों में मिलते हैं, जहां सात्विक चिंतन के द्वारा दुष्ट व्यक्ति भी सुधर सकता है और अज्ञानी महात्मा बन सकता है। अगर आप अपने जीवन को उन्नत करना चाहते हैं, तो बुरे विचारों को खत्म करना होगा।

अगर हम अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के विचारों को स्थान देंगे, तो बुद्धि में मौजूद विवेक कमजोर हो जाएगा, और सही निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होगी। केवल विवेकयुक्त बुद्धि ही सही और गलत का निर्णय कर सकती है।

जीवन में कैसी भी कठिन परिस्थितियां आएं, अगर हम अपनी बुद्धि को व्यर्थ के चिंतन से बचाए रखें, तो हमारा अंतःकरण शुद्ध होगा। गलत विचार अपने आप नष्ट हो जाएंगे। बुरे विचारों को अलग से खत्म करने की कोशिश करेंगे, तो अन्य कार्यों में बाधा आएगी।

सबसे सरल उपाय यह है कि जानबूझकर गलत का त्याग करें। उस मार्ग पर चलें जिस पर चलने से जीवन सफल होता है। सफल व्यक्तियों के विचारों को अपनाएं। इससे आप न केवल जीविका कमाने में सफल होंगे बल्कि जीवन भी अपने आप सफल हो जाएगा।

जीवन में सफलता के लिए भगवान श्रीराम के आदर्श और भगवान श्रीकृष्ण के बताए मार्गों का अनुसरण करें। ऐसा करने से आपका जीवन और आजीविका दोनों संभल जाएंगे, और आप एक आदर्श व्यक्ति कहलाएंगे।

नकारात्मक चिंतन (Chintan)

गलत चिंतन या विचार हमारे जीवन को नष्ट कर देते हैं। आजकल हिंसा और अश्लीलता हर ओर देखने-सुनने को मिलती है। इसके लिए बाहर जाने की भी जरूरत नहीं; मोबाइल जैसे माध्यम इसे हर समय हमारे पास पहुंचा देते हैं।

अगर हम सतर्क नहीं रहे, तो हमारा पतन निश्चित है। इस विषय पर ज्यादा विस्तार से लिखने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम सभी इसके प्रभावों से परिचित हैं।

chintan
चिंतन

विवेकशील बुद्धि कैसे बने

विवेकशील बुद्धि के निर्माण के लिए सबसे पहला कदम यह है कि जो हम जानते हैं कि गलत है, उसे तुरंत छोड़ दें। गलत का त्याग करने से केवल अच्छाई शेष रहती है।

सात्विक जीवन अपनाएं। मांस-मदिरा जैसी वस्तुओं का त्याग करें। खाना, पीना, सोना और जागना संयमित करें। इससे बुद्धि शुद्ध होगी। सत्संग करें। सत्संग का अर्थ केवल कथा या पंडाल में जाना नहीं है। इसका सही मतलब है कर्मठ और अच्छे विचारों वाले व्यक्तियों का संग।

गलत विचार ऐसे हमारे मन में आते हैं जैसे किसान के खेत में खरपतवार। जैसे किसान खेत की सफाई करता है, वैसे ही हमें भी अपने मन की सफाई करनी चाहिए। आदर्श पुरुषों के सान्निध्य में रहें। इसका अर्थ है उनकी पुस्तकों को पढ़ें और उनके विचारों को अपनाएं। गीता और रामायण जैसे ग्रंथों का अध्ययन और श्रवण करें।

चिंतन (Chintan) का प्रभावी असर

भंवरा किसी कीड़े (भृंगी) को मिट्टी में बंद कर देता है। वह कीड़ा मिट्टी में बंद होकर सोचता रहता है कि भंवरा आएगा और उसे खा जाएगा। डर के कारण वह सतत उसी चिंतन में डूबा रहता है और अंततः खुद भंवरा बन जाता है।

इससे तात्पर्य यह है कि जैसा चिंतन करेंगे, वैसे ही बन जाएंगे। आज के समय में शुद्ध चिंतन बहुत आवश्यक है। अगर बार-बार गलत चिंतन हो, तो अपने ईष्ट देवता को पुकारें। उनके नाम का कीर्तन करें। आपका ईष्ट या आराध्य स्वयं आपकी रक्षा करेंगे।

हम गलत चिंतन करके राक्षस बनना चाहते हैं या सात्विक चिंतन करके मानव? यह हमारे हाथ में है। हमारा उत्थान या पतन हमारे ही विचारों और कर्मों का परिणाम है। इसमें कोई और उत्तरदायी नहीं है।

निष्कर्ष

सकारात्मक और शुद्ध चिंतन हमारे जीवन की दिशा और दशा तय करता है। चिंतन का चयन समझदारी से करें। गलत को त्यागें और सही मार्ग अपनाएं। तभी हमारा जीवन सफल और आदर्श बन सकता है।


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Ram Kishore

Author Box

नमस्कार दोस्तों! मैं एक समर्पित कृष्णभक्त हूँ। मैं धार्मिक ग्रंथो के अध्ययन में रूचि रखता हूँ। मेरा उद्देश्य अपने लेखों के माध्यम से ग्रंथो पर आधारित जीवन दर्शन को पाठकों तक पहुँचाना है। क्योंकि मेरा मानना है कि ईश्वर के साथ खुद को जोड़कर ही जीवन के हर क्षेत्र में सच्चे आनंद और शांति का अनुभव कर सकते हैं।