नमस्कार दोस्तों! आज 25 दिसंबर के दिन Atal Bihari Vajpayee Jayanti के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने ब्लॉग पर एक आर्टिकल लिखा| इसके कुछ चुनिंदा अंश हम अपने इस लेख के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं।
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प्रेरणादायक शब्दों में अटल जी की झलक
“मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं…लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?” Atal Bihari Vajpayee के ये शब्द उनके अद्वितीय व्यक्तित्व और अडिग संकल्प का प्रतीक हैं। उनकी 100वीं जयंती (Atal Bihari Vajpayee Jayanti) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद करते हुए उनके जीवन और योगदान को भारतीय राजनीति का अमूल्य खजाना बताया। यह दिन भारतीय जनमानस और राजनीति के लिए अटल दिवस के रूप में स्थापित हो चुका है।
अटल जी का प्रारंभिक जीवन और संघर्ष| Early Life
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ। एक साधारण परिवार में जन्मे वाजपेयी जी ने शिक्षा और समाज सेवा के जरिए अपनी पहचान बनाई। उन्होंने अपनी काव्यात्मक सोच और भाषणों से युवाओं को प्रेरित किया। उनकी राजनीति जीवन का आधार न केवल सत्ता बल्कि सिद्धांत और सेवा रहा।
राजनीतिक स्थिरता और सुशासन का मॉडल| Good Governance Model
1998 में जब Atal Bihari Vajpayee जी प्रधानमंत्री बने, तब देश राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा था। नौ वर्षों में चार बार लोकसभा चुनाव हुए थे, और देश को स्थिर नेतृत्व की आवश्यकता थी। अटल जी ने एनडीए सरकार का गठन कर देश को स्थिरता और सुशासन का ऐसा मॉडल दिया, जो आज भी प्रशंसनीय है।
उनकी सरकार ने 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए। उन्होंने आईटी और टेलीकम्युनिकेशन के क्षेत्र में क्रांति लाते हुए तकनीक को सामान्य व्यक्ति तक पहुंचाया। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना (Golden Quadrilateral और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे प्रयासों ने ग्रामीण और शहरी भारत के बीच की दूरी को कम किया।
परमाणु परीक्षण: भारत की शक्ति का प्रदर्शन| Nuclear Test Under His Leadership
11 और 13 मई 1998 को पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षण Atal Bihari Vajpayee जी के अदम्य साहस का उदाहरण हैं। ऑपरेशन शक्ति के नाम से प्रसिद्ध इन परीक्षणों ने भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। अमेरिका सहित कई देशों के प्रतिबंधों के बावजूद, अटल जी ने देश की संप्रभुता और स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं किया।
सुरक्षा चुनौतियों में मजबूत नेतृत्व| Challenges of National Security
Atal Bihari Vajpayee जी के कार्यकाल के दौरान करगिल युद्ध और संसद पर आतंकी हमला जैसे गंभीर सुरक्षा संकट आए। उन्होंने हर बार अपनी कुशल रणनीति और दृढ़ संकल्प से देश का नेतृत्व किया। उनकी प्राथमिकता हमेशा देश और जनता का हित रहा।
शिक्षा और समाज सुधार की दिशा में कदम| Social & Educational Reforms
Atal Bihari Vajpayee जी की सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधारों से उन्होंने समाज के हर वर्ग को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाने का सपना देखा। उन्होंने ओबीसी, एससी, एसटी, आदिवासी और महिलाओं के लिए शिक्षा को सुलभ और सहज बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू कीं।
कवि, लेखक और प्रेरणा स्रोत| Poet, Author & Inspiration
राजनीतिक जीवन के साथ-साथ अटल जी एक कवि और लेखक भी थे। उनकी कविताएं और लेखन विपरीत परिस्थितियों में भी आशा और प्रेरणा देते हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से भारतीय समाज और संस्कृति को नई दिशा दी। उनकी कविताएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।

लोकतंत्र और नैतिकता के प्रति प्रतिबद्धता| Commitment For Democracy & Morality
अटल जी की राजनीति सिद्धांत और नैतिकता पर आधारित थी। 1996 में जब उनके पास जोड़-तोड़ की राजनीति से सत्ता बचाने का विकल्प था, तो उन्होंने इस्तीफा देकर नैतिकता का उदाहरण प्रस्तुत किया। 1999 में एक वोट से हारने के बाद भी उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ समझौता नहीं किया।
हिंदी का गौरव बढ़ाने वाले नेता| Flag Bearer of Hindi on Global Platforms
अटल जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देकर भारतीय भाषा और संस्कृति को विश्व मंच पर सम्मान दिलाया। यह पहली बार था जब किसी ने संयुक्त राष्ट्र में हिंदी को स्थान दिया। यह उनकी भारतीयता और अपनी जड़ों के प्रति जुड़ाव का प्रतीक था।
एनडीए और गठबंधन की राजनीति| NDA & Politics of Alliance
अटल जी ने एनडीए के माध्यम से गठबंधन की राजनीति को नई परिभाषा दी। उन्होंने विभिन्न दलों को साथ लाकर देश को विकास और सुशासन का मार्ग दिखाया। उनके नेतृत्व में एनडीए ने देश को नई दिशा और गति दी।
अटल जी की विरासत और प्रेरणा| Atal Bihari Vajpayee: Legacy
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल जी की 100वीं जयंती (Atal Bihari Vajpayee Jayanti) पर उन्हें भारतीय जनता पार्टी की नींव का स्तंभ बताया। आज बीजेपी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, तो इसका श्रेय वाजपेयी जी की दूरदर्शिता और नेतृत्व को जाता है। उन्होंने पार्टी को न केवल संगठित किया बल्कि उसे जनप्रिय भी बनाया।
निष्कर्ष| Atal Bihari Vajpayee Jayanti Conclusion
Atal Bihari Vajpayee जी का जीवन भारतीय लोकतंत्र, सुशासन और विकास के प्रति समर्पण का प्रतीक है। उनकी 100वीं जयंती (Atal Bihari Vajpayee Jayanti) हमें उनके जीवन मूल्यों को अपनाने और उनके सपनों को साकार करने की प्रेरणा देती है। अटल जी का व्यक्तित्व, उनके विचार और उनके सिद्धांत हमें हमेशा भारत को एकता, प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे ले जाने की प्रेरणा देते रहेंगे।
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