Amit Shah News| क्यों कहीं अमित शाह ने इस्तीफे की बात ?  

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नमस्कार दोस्तों! आज Amit Shah News में हम जानेंगे कि अमित शाह से ऐसा क्या कहा कि बवाल मच गया। जुड़े रहिये हमारे साथ  

संसद में बाबा साहब अम्बेडकर पर दिए गए बयान पर मचा बवाल  

अभी संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। गहमा गहमी का माहौल पहले से ही है।अभी वन नेशन वन इलेक्शन का मुद्दा शांत हुआ भी नहीं था कि गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान से बवाल मच गया। अमित शाह संविधान पर हो रही चर्चा में अपनी बात रख रहे थे। तभी भी उन्होंने कुछ ऐसा कहा जो बवाल का कारण बन गया। और अन्य पार्टियाँ हमलावर हो गईं। 

संविधान पर चर्चा करते समय शाह ने कहा कि विपक्षी जितना अंबेडकर अंबेडकर करते हैं इतना अगर भगवान का नाम लेते स्वर्ग में जगह मिल जाती। बस इतना कहते ही इंडिया ब्लॉक हमलावर हो गया और आज सुबह से संसद के बाहर अंबेडकर की फोटो लेकर विपक्षी सांसद अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग करने लगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये दी सफाई|  Amit Shah News Today 

इसी बयान की सफाई देने के लिए आज बुधवार को अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपने बयान को AI  द्वारा तोड मरोड़ कर पेश किया जाना बताया। अमित शाह ने कहा ‘मैं इस्तीफा दे दूं तो भी उन लोगों को 15 साल वहीं बैठना है।” शाह ने कहा, ‘विगत सप्ताह संसद (लोकसभा और राज्यसभा) में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी।’ 

उन्होंने कहा, ‘जब तक कांग्रेस सत्ता में रही बाबा साहेब आंबेडकर का कोई स्मारक नहीं बना। जहां-जहां विपक्ष की सरकारें आती गईं, स्मारक बनते गए। भाजपा की सरकारों ने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार ने बाबा साहेब के जीवन से संबंधित पंचतीर्थ का विकास किया। मध्य प्रदेश के महू और लंदन में बाबा  साहेब के स्मारक, नागपुर में दीक्षाभूमि, दिल्ली में राष्ट्रीय स्मारक और महाराष्ट्र के मुंबई में चैत्यभूमि का विकास करने का काम भाजपा की सरकारों ने किया।’

शाह ने अम्बेडकर को बताया आदर्श| Amit Shah News  

Amit Shah  ने कहा कि ‘जहां तक भारत रत्न देने का सवाल है, कांग्रेस के नेताओं ने कई बार खुद ही अपने आप को भारत रत्न दिया हैं। 1955 में नेहरू जी ने खुद को भारत रत्न दे दिया, 1971 में इंदिरा जी ने खुद को भारत रत्न दे दिया। लेकिन बाबा साहेब को भारत रत्न 1990 में तब मिला, जब कांग्रेस सत्ता में नहीं थी और भाजपा के समर्थन वाली सरकार थी। 1990 तक कांग्रेस बाबा साहेब को भारत रत्न न मिले, इसके लिए प्रयास करती रही। यहां तक कि बाबा साहेब की 100वीं जयंती को मनाने की मनाही कर दी गई।’

बयान को बताया AI जनरेटेड| Amit Shah News 

शाह ने कहा कि ‘राज्यसभा में मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। इससे पहले उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी जी के बयानों को एडिट करके सार्वजनिक किया था। जब चुनाव चल रहे थे तो मेरे बयान को AI का उपयोग करके संपादित किया गया था। और आज वे मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘मैं मीडिया से भी अनुरोध करना चाहता हूं कि वह मेरा पूरा बयान जनता के सामने रखें। मैं उस पार्टी से हूं जो आंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकती। पहले जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा आंबेडकर के सिद्धांतों पर चलने का प्रयास किया है। जब भी भारतीय जनता पार्टी सत्ता में रही, हमने आंबेडकर के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार किया है। भारतीय जनता पार्टी ने आरक्षण को मजबूत करने का काम किया है।’

मल्लिकार्जुन खरगे पर भी साधा निशाना  

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से भी ये कहना चाहता हूं कि आपको कांग्रेस के इस कुत्सित प्रयास का समर्थन नहीं करना चाहिए था। मुझे बहुत दुख है कि राहुल गांधी के दबाव में आप भी इसमें शामिल हो गए हैं।’

उन्होंने कहा कि ‘हम जानते हैं कि देश के संविधान को समावेशी बनाने में, दलितों, आदिवासियों, वंचितों, गरीबों को न्याय दिलाने में और देश में लोकतंत्र की नींव को गहरा करने में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान है। पूरा देश बाबा साहेब के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।’

Amit Shah के बयान को लेकर के पूरा विपक्ष, अमित शाह और भाजपा पर हमला करता रहा।  मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि उनका बयान दुर्भाग्यपूर्ण है और अमित शाह को माफी मांगनी चाहिए। खरगे ने गृह मंत्री पर संविधान के अपमान का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की थी।


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shivam singh

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मैं शिवम सिंह तोमर ( कवि / समाजसेवी / विधि छात्र/ लेखक ); सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कानूनी विषयों पर लेख व समीक्षा लिखता हूँ। मैं वर्तमान में विधि का छात्र हूँ जिसके चलते कानूनी विषयों पर शोध पत्र व लेख लिखता हूँ। सामाजिक व साहित्यिक जीवन में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। कविता के दो साझा संग्रह (पुस्तक) पाठकों के लिए उपलब्ध हैं।

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