Forensic Science Seminar In Gwalior| माधव विधि महाविद्यालय में डॉ. विनोद ढींगरा ने समझाया क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन का विज्ञान|  

Support & Share

नमस्कार दोस्तों! आज 11 जनवरी 2025 को माधव विधि महाविद्यालय ग्वालियर में एक दिवसीय क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन सेमिनार (Forensic Science Seminar) आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता क्राइम सीन ऑफिसर एवं फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉक्टर विनोद ढींगरा उपस्थित रहे।

विनोद सर Forensic Science में महारत हासिल किए हुए हैं साथ ही वे उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसलों में सलाहकार अथवा सहयोगी की भूमिका में भी रहे हैं। जिस प्रकार से अपराध की प्रकृति व गंभीरता बढ़ती जा रही है। उसी प्रकार से विज्ञान भी न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। फॉरेंसिक साइंस के माध्यम से जटिल अपराधों समझने में सहायता मिलती है और पीड़ित को न्याय दिलाने में उपयोगी होती है।

छात्रों को आर्टिफिशियल क्राइम सीन बनाकर समझाया 

डाॅ ढींगरा ने कृत्रिम (artificial) क्राइम सीन बनाया और उसके माध्यम से विधि छात्रों को फोटोग्राफी, फिंगरप्रिंट, ब्लड सैंपल और डाॅग स्क्वाड के महत्व को समझाया।  डॉक्टर ढींगरा ने कहा किसी भी क्राइम सीन को समझने के लिए वहां मिले फिजिकल एविडेंस बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रखते हैं और फिजिकल एविडेंस खुद ही पूरी स्थिति बताते हैं।

डॉक्टर ढींगरा ने कहा कि आदमी तो एक बार झूठ बोल सकता है लेकिन मुर्दा झूठ नहीं बोलता, बस उसकी भाषा समझ आनी जरूरी है। डॉ ढींगरा ने कहा अपराधिक मृत्यु तीन प्रकार की होती है एक्सीडेंट, होमीसाइड और सुसाइड। कुछ केसेस में तथ्यों को मेनूप्लेट करने की कोशिश भी की जाती है। तब उसमें फॉरेंसिक साइंस बेहद मददगार साबित होती है। 

Forensic Science Seminar
Photo Credit: NSS Volunteer Rishikant

उन्होंने ये भी बताया कि फोरेंसिक एक्सपर्ट का काम आसान नहीं है उसे विधि द्वारा निर्धारित सभी पैमाने और सभी प्रक्रियाओं को फॉलो करना होता है। इसके बाद ही कोई भी साक्ष्य सही सलामत जांच योग्य होते हैं। साथ ही क्राइम सीन में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का बहुत बड़ा रोल होता है और नए आपराधिक कानून कानून में फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी को मैंडेटरी कर दिया गया है।

डॉक्टर ढींगरा ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से फिजिकल एविडेंस को आरोपी से रिलेट किया जाता है। जिसमें उसके शू प्रिंट, फिंगरप्रिंट, ब्लड सैंपल ,हेयर सैंपल और अन्य डीएनए सैंपल उपयोगी होते हैं। डॉक्टर विनोद ने अनोखी लाल के केस का उदाहरण देते हुए छात्रों को फॉरेंसिक साइंस और क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के महत्व को समझाया। सर ने बताया कि इस प्रकार के सेशन आप सभी भविष्य के वकीलों के लिए बहुत ही लाभकारी है आप इन छोटे-छोटे बारीक तथ्यों को समझ कर ही किसी भी केस को न्यायालय के सामने स्पष्टता से रख सकते हैं और न्याय दिला सकते हैं।

छात्रों के प्रश्नों का भी दिया जवाब| Forensic Science Questionnaire  

इसके बाद प्रश्नोत्तरी का दौर शुरू हुआ। एक छात्र ने प्रश्न किया कि यदि कोई फिजिकल एविडेंस प्लांट किया गया हो तब क्या किया जा सकता है? इसके जवाब में डॉक्टर ढींगरा ने कहा कि नये कानून के आने के बाद फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के अनिवार्य होने से इसकी संभावनाएं कम हो गई हैं।

डिजिटल उपकरणों के माध्यम से जिसमें मोबाइल की लोकेशन, सीसीटीवी कैमरा ,कॉल डिटेल्स आदि चीजों से टाइमिंग मैच करने के बाद और फोरेंसिक जांच को गहनता से करने के बाद एविडेंस प्लांट करने की संभावना बेहद कम हो जाती है और नए कानून में इस बात का प्रावधान किया गया है कि किसी भी प्रकार से एविडेंस से छेड़छाड़ ना हो और  ना ही उसको मेनूप्लेट किया जा सके।

दूसरे छात्र ने प्रश्न किया की किसी भी घटना में ब्लड सैंपल का क्या महत्व होता है? डॉक्टर ढींगरा ने बताया कि ब्लड सैंपल से मरने का समय और ब्लड के फैलने और बिखरने से हमला करने का एंगल और हमला करने की स्थिति को समझा जा सकता है। साथ ही यदि किसी दवा या किसी अन्य पद्धति द्वारा मृत्यु हुई है तो ऑटोप्सी रिपोर्ट द्वारा उसकी भी जांच की जा सकती है।

Forensic Science Seminar
Photo Credit: NSS Volunteer Rishikant

सभी साइंस का यूनिक रूप है Forensic Science- डाॅ नीति पाण्डेय

इस Forensic Science Seminar में माधव विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉक्टर नीति पांडे जी भी उपस्थिति रहीं। डॉक्टर विनोद ढींगरा का आभार ज्ञापित करते हुए डॉक्टर नीति पांडे ने कहा कि सभी साइंस का यूनिक रूप फॉरेंसिक साइंस है। जो वर्तमान समय में किसी भी अपराध को समझने व आरोपी को दंड देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

डाॅ नीति पांडे जी ने क्राइम सीन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जो साक्ष्य घटनास्थल से प्राप्त होते हैं उन्हें फिजिकल एविडेंस कहा जाता है जो किसी भी केस की दिशा व दशा बदलने का सामर्थ्य  रखते हैं। साथ ही सभी प्रकार के प्रोसीजर को फॉलो किया जाना चाहिए और आप सभी को भी इसके लिए जागरूक होना चाहिए।

Forensic Science Seminar

NSS वॉलिंटियर शिवम सिंह तोमर ने डॉक्टर विनोद ढींगरा जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। Forensic Science Seminar की संयोजक अध्यापिका ओजस्वी गुप्ता जी ने डॉक्टर विनोद ढींगरा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इसमें महाविद्यालय के रेखा गंभीर,सोनाली दुबे,अजैता चौहान,कविता शर्मा आदि शिक्षक गण व सभी छात्र-छात्राएं  उपस्थित रहे।


Support & Share

shivam singh

Author Box

मैं शिवम सिंह तोमर ( कवि / समाजसेवी / विधि छात्र/ लेखक ); सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कानूनी विषयों पर लेख व समीक्षा लिखता हूँ। मैं वर्तमान में विधि का छात्र हूँ जिसके चलते कानूनी विषयों पर शोध पत्र व लेख लिखता हूँ। सामाजिक व साहित्यिक जीवन में कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। कविता के दो साझा संग्रह (पुस्तक) पाठकों के लिए उपलब्ध हैं।

Leave a Comment